हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "जामिया अहादीस शिया" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال رسول الله صلي الله عليه وآله وسلم
خيارُ اُمَّتى ألّذينَ إذا سافَرُوا قَصَّرُوا وَ أفْطَرُوا وَ إذا اَحْسَنُوا، استَبْشَرُوا وَ إذا اَساؤُا استَغْفَرُوا
हज़रत रसूल आल्लाह स.ल.व.व. ने फरमाया:
मेरी उम्मत के नेक लोग वह है जो सफर के दौरान नमाज़े कसर पढ़ते हैं और सफर के दौरान रोज़ा नहीं रखते जब नेक करते हैं तो खुश होते हैं और जब कोई बुराई हो जाती है तो इस्तगफर करते हैं
जामिया अहादीस शिया,पेंज 215